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सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने दिया अधिकार, वनटागिया को मिला राजस्व ग्राम का दर्जा l.

0 Comments । By Black Cat News । 8 April, 2021



कार गोरखपुरः मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने जिन वनटांगियां गांव को राजस्‍व का दर्जा दिलाया, उस 23 वनटांगिया गांव के लोग पहली बार गांव की सरकार चुनेंगे. यही वजह है कि पूरे गांव में उत्‍सव जैसा महौल है. प्रत्‍याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने के‍ लिए चुनाव प्रचार में दमखम लगा रहे हैं.

हालांकि साल 2016 में इन्‍हें पंचायत में शामिल कर वोट देने का अधिकार तो मिल गया. लेकिन, न तो इनके गांव को राजस्‍व गांव का दर्जा मिला था और न ही किसी भी सरकारी योजना का लाभ. साल 2017 में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की सरकार बनने के बाद इनके गांव को राजस्‍व गांव का दर्जा भी मिला और वोट देने का अधिकार भी.

अब ये वनटांगिया गांव के लोग पहली बार गांव की सरकार चुनने जा रहे हैं. हम पहुंचे हैं गोरखपुर के ग्राम पंचायत वनटांगियां तिनकोनिया नंबर दो वनटांगियां तीन. ये वही वनटांगियां गांव है, मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ जब यहां के सांसद रहे हैं, तब से वे इस गांव में दिवाली मनाने आते रहे हैं. आज भी ये सिलसिला जारी है.

19 मार्च 2017 को योगी आदित्‍यनाथ उत्‍तर प्रदेश के सीएम बने और 17 अक्‍टूबर को गोरखपुर के 5 और महराजगंज के 18 गांव को राजस्‍व गांव का दर्जा मिल गया. ये उत्‍सव और चुनाव प्रचार का जो माहौल आप देख रहे हैं. ऐसा पहले कभी नहीं रहा है. ये पहली बार है जब आजादी के बाद यहां प्रत्‍याशी चुनाव मैदान में हैं और यहां की जनता अपनी सरकार चुनने जा रही है.

गांव के मुखिया राम गणेश मौर्य बताते हैं कि यहां 500 घर हैं. जिनमें से 480 मुख्‍यमंत्री आवास योजना के तहत बने हैं. 400 हजार की आ‍बादी वाले गांव में 1950 वोट हैं. आजादी के 73 साल बाद ऐसा पहला मौका है, जब गांव के लोग गांव की सरकार चुनने जा रहे हैं. साल 2017 में वे लोग मतदान किए थे.

तब पिछड़ी सीट थी. इस बार एससी सीट है. लेकिन, तब न वे राजस्‍व गांव का दर्जा पाए थे और न ही सरकारी योजनाओं का लाभ. वे कहते हैं कि साल 2009 से मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ यहां पर हर साल दिवाली मनाने के लिए आते हैं.

उनकी सरकार बनने के बाद गोरखपुर के पांच और महराजगंज जिले के 18 गांव को राजस्‍व गांव का दर्जा मिला और सड़क, बिजली, पानी, मकान, शिक्षा, विधवा-वृद्धा पेंशन, राशन, वोटर आईडी कार्ड आधार कार्ड जैसी सभी योजनाओं का लाभ भी गांववालों को मिलने लगा. राजस्व ग्राम घोषित होने के बाद गोरखपुर-महराजगंज के 23 वनटांगिया गांवों की तस्वीर और तकदीर बदल गई.

आवास, सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र और आरओ वाटर मशीन, कृषि योग्य भूमि, आधारकार्ड, राशनकार्ड और रसोई गैस आदि योजनाओं का लाभ मिल गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वनटांगियां गांवों को राजस्व ग्राम घोषित कर उन्हें आजाद देश में मिलने वाली सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराकर विकास की मुख्यधारा से जोड़ा है.

योगी सरकार में राजस्व ग्राम घोषित होने के बाद गोरखपुर और महराजगंज के 23 वनटांगिया गांव पहली बार पंचायत चुनाव में सक्रिय भागीदारी निभाकर गांव की सरकार चुनने जा रहे हैं. गांव के रमाशंकर प्रसाद और संजय चौहान बताते हैं कि साल 2017 के पहले वनटांगिया गांव राजस्व ग्राम के रूप में अभिलेखों से दूर थे, तो सरकार की योजनाओं का भी उनसे कोई वास्ता नहीं था.

सीएम योगी ने राजस्व गांव बनाया, तो दूर की कौड़ी दिख रही योजनाएं वनग्रामों में धरातल पर उतर आईं. गोरखपुर में पांच वनटांगिया गांव हैं, जबकि पड़ोसी जिले महराजगंज में ऐसे गांवों की संख्या 18 है. राजस्व ग्राम के निवासी के रूप में इन गांवों के वनटांगिया पहली बार पंचायत चुनाव में सीधी और सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.

पिछले चुनाव में इन्हें वोट डालने को भले मिला हो, लेकिन खुद का गांव राजस्व ग्राम न होने से गांव की सरकार से इनको कोई फायदा नहीं मिल पा रहा था. वनटांगिया गांव अंग्रेजी शासन में 1918 के आसपास बसाए गए थे. मकसद साखू, शीशम और सागौन के पौधों का रोपण कर वनक्षेत्र को बढ़ावा देना था. इनके जीवन यापन का एकमात्र सहारा पेड़ों के बीच की खाली जमीन पर खेतीबाड़ी था.

गोरखपुर में कुसम्ही जंगल के पांच इलाकों जंगल तिनकोनिया नम्बर तीन, रजही खाले टोला, रजही नर्सरी, आमबाग नर्सरी और चिलबिलवा में बसी इनकी बस्तियां 100 साल से अधिक पुरानी हैं. अस्सी और नब्बे के दशक के बीच तो इन्हें जंगलों से भी बेदखल करने की कोशिश की गई. सीएम योगी के अपने कार्यकाल में पहले ही साल इन गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा दिलाने के बाद उन्हें विकास योजनाओं का लाभ मिलना शुरू हुआ. राजस्व ग्राम घोषित होते ही ये वनग्राम हर उस सुविधा के हकदार हो गए, जो सामान्य नागरिक को मिलती है.

सीएम योगी के कार्यकाल में वनटांगिया गांव आवास, सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र और आरओ वाटर मशीन जैसी सुविधाओं से आच्छादित हो गए हैं. वनटांगिया गांवों में आज सभी के पास अपना सीएम योजना का पक्का आवास, कृषि योग्य भूमि, आधारकार्ड, राशनकार्ड, रसोई गैस है. बच्चे स्कूलों में पढ़ रहे हैं, पात्रों को वृद्धा, विधवा, दिव्यांग आदि पेंशन योजनाओं का लाभ मिल रहा है.

प्रत्‍याशी गुंजा देवी, पति जामवंत भारती और उनकी समर्थक रिंकी पासवान, बताती हैं कि 1998 में गोरखपुर से पहली बार सांसद बनने के बाद योगी आदित्यनाथ वनटांगियों के संघर्ष के साथी बने और अपने संसदीय कार्यकाल में सड़क से सदन तक उनके हक के लिए आवाज बुलंद करते रहे. वनटांगियों से योगी की आत्मीयता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह 2009 से उन्हीं के बीच दिवाली मनाते हैं और मुख्यमंत्री बनने के बाद भी यह सिलसिला नहीं टूटा. वे कहते हैं कि इस बार गांव में उत्सव जैसा माहौल है. उनके अलावा खुशी देवी और श्‍यामा देवी भी चुनाव लड़ रही हैं. उन्‍हें उम्‍मीद है कि उनकी जीत होगी.

Ajit Singh's Report
BlackCatNews, Gorakhpur




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